चंदन दिया Satish Chandra Pandey 3 years ago अश्क ने नैनों से बहकर होंठ पर संगम किया पत्थरों ने बिन कहे ही प्रेम का वर्णन किया। ताप बढ़ता ही गया जब कक्ष के भीतर हृदय के आपने मुस्कान देकर ताप में चंदन दिया।