चल मिटा ले फासले Praveen Nigam 8 years ago तेरी खामोसियाँ, खंचर सी है चुभने लगी, दूरियाँ हर एक चुप्पी पर तेरे, बढ़ने लगी, एक आवाज देकर, रोक ले मुझे, ऐसा ना हो कि दूर हो जाऊँ, पहुँच से तेरे, चल मिटा ले फासले, कुछ गुफ़्तगू कर ले |