चाँद सदा ही मुस्काए Geeta kumari 3 years ago दर्पण कब खुद सजता है, दर्पण के आगे हम सजें। चाँद रहता है गगन में, पर मुझे लगे उतरे मेरे आँगन में हर रात को जब मैं सो जाऊं, वो रजत छिड़कने आ जाए तारों की सुन्दर टोली संग, चाँद सदा ही मुस्काए।। _____✍️गीता