इतना आसान नहीं होता
किसी अपने से बिछड़ जाना
जलाना हर रोज दिल को पड़ता है।
याद आती है उसकी रह-रह कर
फिर भी भूल जाना पड़ता है।
भूल जाने की जद्दोजहद में
दिल के अरमान जलते बुझते हैं।
चांद की ठंडक, सूरज की गर्मी में
बदन को तपाना पड़ता है।।
इतना आसान नहीं होता
किसी अपने से बिछड़ जाना
जलाना हर रोज दिल को पड़ता है।
याद आती है उसकी रह-रह कर
फिर भी भूल जाना पड़ता है।
भूल जाने की जद्दोजहद में
दिल के अरमान जलते बुझते हैं।
चांद की ठंडक, सूरज की गर्मी में
बदन को तपाना पड़ता है।।