“चिरागों से उजाले” Ajnabi 7 years ago अलग हो कर पानी से, कमल खिला नहीं करते बिछड़ कर लोग किसी से मिला नहीं करते यूँ तो आती है बाहर ज़िन्दगी में सबके मगर बुझे हुए चिरागों से उजाले हुआ नहीं करते देव कुमार