सुंदर सपनों के आंगन में
बैठा है चितचोर
मन का मयूर नाचता
प्रेम की चुनर ओढ़
प्रेम की चुनर उड़ के
छम छम नाचे मयूरा
अंग-अंग भीगे ऐसे
सावन में मोरा।
छम छम नाचे मयूरा

सुंदर सपनों के आंगन में
बैठा है चितचोर
मन का मयूर नाचता
प्रेम की चुनर ओढ़
प्रेम की चुनर उड़ के
छम छम नाचे मयूरा
अंग-अंग भीगे ऐसे
सावन में मोरा।