Site icon Saavan

छुपा लूँ क्या

तेरी आँखों के बिस्तर पर अपने प्यार की चादर बिछा दूँ क्या?
तेरे ख़्वाबों के तकिये के सिरहाने मैं सर टिका लूँ क्या?
कर दूँ मैं मेरे दिल के जज़्बात तेरे नाम सारे,
दे इजाज़त के तेरी आँखों से मेरी आँखें मिला लूँ क्या?
अच्छा लगता है मुझे तेरी पलकों का आँचल,
तू कहे तो खुद को इस आँचल में छुपा लूँ क्या?
राही (अंजाना)

Exit mobile version