छु न सके हथियार जिसे, उसे वो नजरो से घायल करते रहे,,
हम भी बने हिम्मती इतने,, वो वार करते रहे, हम हलाल होते रहे!!
कल तक मिल्कियत की जिसकी मिसाले देता था जमाना,
उसे ही वो होठों के जाम पिलाते रहे,, हम भी शौक से पीते रहे!!
कुछ तो बात हैं कान्हा, जो सितारे उसे चंदा समझ लेते हैं अक्सर,,
काश!! वो भी मेरी ख़ामोशी समझ पाए और हम भी उन्हें देखते रहे!!