झूठी सीढ़ी मत बना, मंजिल चढ़ने हेतु,
खाली ऐसे बना मत तू कागज के सेतु,
तू कागज के सेतु, से स्वयं से मत कर छल,
ऐसे कैसे पार, होगा लक्ष्य का पथ कल,
कहे लेखनी आज जेब में रख सच बूटी,
बढ़ना है गर तुझे, छोड़ सब राहें झूठी।
झूठी सीढ़ी मत बना, मंजिल चढ़ने हेतु,
खाली ऐसे बना मत तू कागज के सेतु,
तू कागज के सेतु, से स्वयं से मत कर छल,
ऐसे कैसे पार, होगा लक्ष्य का पथ कल,
कहे लेखनी आज जेब में रख सच बूटी,
बढ़ना है गर तुझे, छोड़ सब राहें झूठी।