‘जन्नत की हुकूमत’ Pragya 4 years ago दीदार बिन यार के महफिल अधूरी है हर किसी की प्यार बिन जिन्दगी अधूरी है मिल जाए चाहे मुझको जन्नत की हुकूमत भी ! मेरे यार के बिन प्यार के ये प्रज्ञा* अधूरी है||