जलधार.. Geeta kumari 3 years ago चढ़ा आषाढ़ श्याम घन घिर आए, आ कर खूब नीर बरसाए। किसी अपने के बिछोह में, नैन नीर मेरे भी आए। ऑंचल भीगा, नयन भी भीगे, यादें आईं अपार। इधर मेरे नैना बरसे, उधर गिरी जलधार॥ ____, ✍गीता