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जाति- पाति के ताने-बाने

यूँ कहना तो बड़ा आसान है
भूल जाना सारे बन्धनों को
जाति -पाति को छोड़ देना
परंतु सच्चाई यह है
की जाति- पाति के
ताने-बाने हमने ही बनाये हैं और
उनको हम ही
पोषित करते हैं
बची- खुची कोशिश
राजनैतिक दल कर रहे हैं
हमें अलग करने की
आरक्षण का भी अपना
अलग महत्व है
हमें अलग करने में ।

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