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जिंदगी रुक नहीं सकती

जिंदगी प्रतिक्षण अंतिम पड़ाव की ओर कदम बढ़ाती है
इस सच को हम भूलना चाहते हैं
पर किसी न किसी की मौत हमें यह सच बार-बार दिखाती हैं

मृत्यु का डर बार-बार हमें अच्छे बुरे कर्मों की तस्वीर दिखाता है
मौत समझाती है अटल हूं मैं
प्यार से मिलजुल चाहत के फूल खिलाए रखिए

प्रेम, मोह, स्नेह मृत्यु के आगोश में विलीन हो जाता है,
जिंदगी रुक नहीं सकती किसी के जाने से।

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