जिंदगी रुक नहीं सकती

जिंदगी प्रतिक्षण अंतिम पड़ाव की ओर कदम बढ़ाती है
इस सच को हम भूलना चाहते हैं
पर किसी न किसी की मौत हमें यह सच बार-बार दिखाती हैं

मृत्यु का डर बार-बार हमें अच्छे बुरे कर्मों की तस्वीर दिखाता है
मौत समझाती है अटल हूं मैं
प्यार से मिलजुल चाहत के फूल खिलाए रखिए

प्रेम, मोह, स्नेह मृत्यु के आगोश में विलीन हो जाता है,
जिंदगी रुक नहीं सकती किसी के जाने से।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

ग़ज़ल

2.01(63) मैं ! तुझे छू कर; ‘गु…ला…ब’ कर दूँगा ! ज़िस्म के जाम में, ख़ालिस शराब भर दूँगा !! तू; मेरे आगोश में, इक बार…

हे अटल! अटल रहो

अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर विशेष प्रस्तुति:- ********************************************* हे अटल ! अटल रहो यूँ ही हृदय में बसे रहो दिव्य ज्योति बनकर सदा…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close