जिन्दगी जब मेरी खामोशियों में होती है!
शाँम-ए-गुजर मेरी मदहोशियों में होती है!
आजमाइशों में दिन गुजर जाता है मगऱ,
रात तन्हाँ दर्द की सरगोशियों में होती है!
#महादेव
mkraihmvns@gmail.com
जिन्दगी जब मेरी खामोशियों में होती है!
शाँम-ए-गुजर मेरी मदहोशियों में होती है!
आजमाइशों में दिन गुजर जाता है मगऱ,
रात तन्हाँ दर्द की सरगोशियों में होती है!
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