तुम क्या गये
हम तो जीना भूल गए ।
तेरा छाया था कैसा सरूर
तेरा होके था खुद पे गुरूर
सच झूठ की कालीमा से बाहर आया
हम प्यार पे विश्वास करना भूल गए
हाँ, हम तो जीना भूल गए ।
तुम क्या गये
हम तो जीना भूल गए ।
तेरा छाया था कैसा सरूर
तेरा होके था खुद पे गुरूर
सच झूठ की कालीमा से बाहर आया
हम प्यार पे विश्वास करना भूल गए
हाँ, हम तो जीना भूल गए ।