“जीवन का अभिशाप” Pragya 3 years ago लुटा हुआ सँसार जब देखे है रानी गुड़िया सिसक सिसक रह जाती है मन ही मन ढलकाती आँसू के अंगारे कैसी विपदा आन पड़ी जो बिछड़ गए माँ बाप प्रेम ही अब तो हो गया जीवन का अभिशाप।