Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
गुड़िया बेचते बेचते
आज कुछ लिखने का मन किया ,इस मंजर को देखते एक गुड़िया खुद ही सो गयी, गुड़िया बेचते बेचते सुबह से भूखी प्यासी, बाजार में…
सुन ले बिटिया रानी
प्यारी-प्यारी बिटिया रानी, कहे मां कह एक कहानी राजा हो या रानी मां तेरी कविता लिखती है, कैसे कहे कहानी फ़िर भी सुन, ओ बिटिया…
जीवन का अभिशाप,
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
धन्यवाद
अतिसुंदर
Thanks