आज सुकून की तलाश करने को जी नहीं करता
तुमसे बात करने को भी जी नहीं करता
जलते हुए चिरागों में रह लिये बहुत,
चिराग दिल के जलाने को जी नहीं करता।।
आज सुकून की तलाश करने को जी नहीं करता
तुमसे बात करने को भी जी नहीं करता
जलते हुए चिरागों में रह लिये बहुत,
चिराग दिल के जलाने को जी नहीं करता।।