ठंढी में चाय Pt, vinay shastri 'vinaychand' 3 years ago ठंढी का मौसम आया है। संग मेरा मान बढ़ाया है ।। पुलकित होकर कहता चाय। बार – बार सब मांगते चाय।। कभी खुशी कम हो जाती है। जब बीच पकौड़ी आ जाती है।। झुंझला के रह जाता ये चाय। च्यवनप्राश क्यों आया भाय।।