डूबती कश्तियों के सहारे बैठ कर क्या होगा,
समन्दर के इतने किनारे बैठ कर क्या होगा,
तैरना है तो लहरों के बीच जाना ही होगा,
यूँ डर के दायरे में सिमट कर क्या होगा।।
~ राही (अंजाना)
डूबती कश्तियों के सहारे बैठ कर क्या होगा,
समन्दर के इतने किनारे बैठ कर क्या होगा,
तैरना है तो लहरों के बीच जाना ही होगा,
यूँ डर के दायरे में सिमट कर क्या होगा।।
~ राही (अंजाना)