जिम्मेदारी के बोझ तले
दबा रहता है जीवन
जाने किन खयालों में
खोया रहता है जीवन
उठकर तलाशती हूँ मैं जमीं अपनी
आसमां जाने क्या
ढूंढा करता है जीवन…
जिम्मेदारी के बोझ तले
दबा रहता है जीवन
जाने किन खयालों में
खोया रहता है जीवन
उठकर तलाशती हूँ मैं जमीं अपनी
आसमां जाने क्या
ढूंढा करता है जीवन…