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तान छेंड़ मुरली की गीत नया गा गया ( माधुर्य से अलंकृत )

तान छेंड़ मुरली की
गीत नया गा गया
मेरी झुर्रियों भरे
यौवन में कसाव आ गया
पपीहे पीह-पीह
बजने लगी जब
कान बीच
मृदंग बजे जीवन में
यों उछाल आ गया
मटकी धर सीस
चली कुंज गली राधिका
अधरों धर मुरली
प्रज्ञा’ मेरा श्याम आ गया
आज हुई प्रीत की जो
बात रात सपनों में
मुझको भी याद
मेरा प्रथम प्यार आ गया….

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