रंग हैं विभिन्न देखो फिर भी एक नाम है,
एक ही है माटी अपनी एक ही तो शान है,
बीच में चक्र जो वो जीत का अभिमान है,
मुठ्ठी में है बन्द जो तिरंगा अपनी जान है,
रंग हैं विभिन्न देखो फिर भी एक नाम है,
सरहद पर मिटने वालों की दस्तक का ये निशान है,
भरे फक्र से जो छाती माँ की गर्व् और अभिमान है,
ऐसी हस्ती रखता ये तिरंगा मेरा महान है,
रंग हैं विभिन्न देखो फिर भी एक नाम है,
दिल में और दिमाग में जो बसे वो हिन्दुस्तान है॥
राही (अंजाना)