तुम्हारी एक हंसी Satish Chandra Pandey 4 years ago तुम्हारी एक हंसी सारे गम भुलाती है, इस तरह हँसते रहो और खिलखिलाते रहो। गीत खुशियों के गुनगुनाते रहो जिंदगी को हंसीं बनाते रहो। बात ही बात में ढूँढो खुशियां, पलों को भोग, मुस्कुराते रहो।