जैसे गोरे गालों पर माँ काला टीका करती थी
तुमने काली रातों में इक उजला चांद सजाया है
तुम भी तो इक माँ हो आखिर..
– सोनित
www.sonitbopche.blogspot.com
जैसे गोरे गालों पर माँ काला टीका करती थी
तुमने काली रातों में इक उजला चांद सजाया है
तुम भी तो इक माँ हो आखिर..
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