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तू तुच्छ सा जीव ओ बंदिया

तू तुच्छ सा जीव ओ बंदिया

किस बात पे इतना अकड़ता तू

पल भर की तेरी हस्ती नही है

किस बात पे इतना इतरता तू

                         …… यूई

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