तेरा सजदा – 104
कोई ग़ुरबत के वक्त को तेरी रज़ा मान हाथ जोड़ जाता है
कोई दौलत की माया में ख़ुद के गुणगान गाता रह जाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 104
कोई ग़ुरबत के वक्त को तेरी रज़ा मान हाथ जोड़ जाता है
कोई दौलत की माया में ख़ुद के गुणगान गाता रह जाता है
…… यूई