तेरा सजदा – 106
कोई तेरे पावन इश्क़ की रो में सर झुका कर बैठा रह्ता है
कोई ख़ुद की दुनियावी चाहतों में नशों में लिप्त रह्ता है
…… यूई
तेरा सजदा – 106
कोई तेरे पावन इश्क़ की रो में सर झुका कर बैठा रह्ता है
कोई ख़ुद की दुनियावी चाहतों में नशों में लिप्त रह्ता है
…… यूई