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तेरी परछाई

सुनो ना मां!
मत घबरा मेरे आने से
मुकम्मल हो जाएंगे दोनों
एक नए बहाने से
तेरे पंख मेरी उड़ान होगी
जमाने में अपनी नई पहचान होगी
तेरी परछाई बन तेरे ख्वाबों
को चुन लूंगी
कह ना पाई जो तू किसी से
वह मैं सुन लूंगी
बेटी हूं तेरी , तेरा साथ निभाऊंगी
तेरे सम्मान के खातिर दुनिया
से मैं लड़ जाऊंगी
इस बेरंग जहान में आओ
रंग भरते हैं
चल ना मां एक नए सफर पर चलते हैं ।

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