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तेरे नाम

तकलीफ अंदर के शोर से है,
तनहाई तो यूँ ही बदनाम होती है।
गिरता है खारा जल जब भी ऑंख से,
वह सुबह वह शाम, तेरे ही नाम होती है॥
_______✍गीता

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