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थोड़ा सा बस संभला हूँ

जन्मो जन्म राहें अपनी भटकाई मैंने

इसी लिए तो तेरी राह ख़ुद गंवाई मैंने

अब जाके कुछ थोड़ा सा बस संभला हूँ

सब सोचे छोड़ जब तेरे रंग में रंगला हूँ

                                    …. यूई

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