दहलीज़-ऐ-इश्क़……. Ajnabi 7 years ago न रखो उम्मीद-ओ-बफा इस दहलीज़-ऐ-इश्क़ पर साहिब लूट जाते है दिल अक्सर, चाहत के इस बाजार में………………………!! D K