Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं ।
रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं । मात-पिता को छोड़ अब वह सुत प्यारा, अब तो सास श्वसुर के पास रहते हैं…
करार
किसी की जीत या किसी की हार का बाजार शोक नहीं मनाता। एक व्यापारी का पतन दूसरे व्यापारी के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।…
राधे कृष्ण सा प्रेम धागा
हवा में उड़ाओ पतंग, खुद को जमीं पे खड़ा रखो। दान धर्म करके बंधुवर, अपना दिल भी बड़ा रखो। घमण्ड रुपी पतंग कटवाकर, सपनों को…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Nice