आज बहुत दिनों बाद आई हूँ
तुम्हारे दिल की गलियों में..
सफर करने को
जरा संभाल कर रखना
अपनी धड़कनों को
मुझे देखकर कहीं मचल ना पड़ें…
यूं नजरों से देखने की कोशिश ना करो मुझे
आंखों को बंद करके बस महसूस करो मुझे..
तुम्हारी बंद पलकों में नजर आऊंगी
आंखें खोल कर देखना चाहोगे अगर
तो गुम हो जाऊंगी…
तभी तो आज बहुत दिनों बाद आई हूँ
तुम्हारे दिल की गलियों में सफर करने को…