दिल की गलियाँ…
आज बहुत दिनों बाद आई हूँ
तुम्हारे दिल की गलियों में..
सफर करने को
जरा संभाल कर रखना
अपनी धड़कनों को
मुझे देखकर कहीं मचल ना पड़ें…
यूं नजरों से देखने की कोशिश ना करो मुझे
आंखों को बंद करके बस महसूस करो मुझे..
तुम्हारी बंद पलकों में नजर आऊंगी
आंखें खोल कर देखना चाहोगे अगर
तो गुम हो जाऊंगी…
तभी तो आज बहुत दिनों बाद आई हूँ
तुम्हारे दिल की गलियों में सफर करने को…
Feelingful thoughts
thank you so much sir
ह्रदय स्पर्शी रचना
थैंक्स दीदी
भावपूर्ण, बेहतरीन प्रस्तुति
थैंक्स
बहुत खूब
थैंक्स भाई
बहुत खूब कहा आपने 👌👌👌
थैंक्स फॉर कमेंट्स
आंखें खोल कर देखना चाहोगे तो गुम हो जाऊंगी । आपकी सोच ने तो निशब्द कर दिया सुन्दर पंक्तियां
🙏🙏
आंखें खोल कर देखोगे तो गुम हो जाऊंगी आपकी रचना ने निशब्द कर दिया। सुन्दर पंक्तियां
🙏🙏धन्यवाद सर आपका
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति