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दिल पर जो गुज़री थी..

‘ दिल पर जो गुज़री थी उसे कुछ और ही रंग दे दिया मैंने,
आजकल बहुत खुश हूँ किसी ने पूछा तो कह दिया मैंने..’

– प्रयाग

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