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दीवानगी का आलम

दीवानगी का आलम कुछ यूं है
जिधर भी देखती हूँ मैं
लगता है बस तू है
कितनी भी कोशिश कर लूं
मैं तुझे भूल जाने की
पर मेरी तो हर साँस में
मौजूद तू है…

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