Site icon Saavan

दीवाना

उनकी गली से जो गुजरे वो दीवाना हो जाता है
भटक जाता है वो, मजनू हो जाता है
हम भी गुजरे थे इक दफ़ा उनकी गली से
आज तक भटक रहे है, न उनकी खबर है
और न खुद की|

Exit mobile version