दु:ख Praduman Amit 3 years ago कभी कभी दु:ख को गले लगा कर भी जीना पड़ता है। तभी तो सुख से ज्यादा इस जहाँ में दुःख की महता है।। जब तक इंसान के जीवन के धड़कन की डोर चलती है। तब तक ए अमित रंग बिरंगी दु:ख हमारे साथ कहाँ छोड़ती है।।