अंग अंग अपना रंगाया तेरे इश्क में
अपनी रूह को नहलाया तेरे इश्क में
सब रंग अपने अपने चाहे दिखाते हैं
दुनिया के रंग ना अब मोहे भाते हैं
…… यूई
अंग अंग अपना रंगाया तेरे इश्क में
अपनी रूह को नहलाया तेरे इश्क में
सब रंग अपने अपने चाहे दिखाते हैं
दुनिया के रंग ना अब मोहे भाते हैं
…… यूई