दुल्हन की डोली Pankaj Garg 7 years ago सहम गया है चाँद भी देखो, जब उतरी की डोली रे मन को भायी जैसे बजायी कहीं मोहन ने मुरली रे बहके हैं देखो सब जैसे , पूरी मधुशाला पी ली रे कैसे संभालेगा खुद को वो,जिसकी अब तू हो ली रे