छोटी सी ख़ता पे दोस्ती तोड़ दे,
रिश्तों के समन्दर का जो मुँख मोड़ दे,
उम्मीदों पर टिकी हुई दुनियाँ छोड़ दे,
वो सम्बन्ध ही क्या जो बन्धन छोड़ दे।।
RAAHI
छोटी सी ख़ता पे दोस्ती तोड़ दे,
रिश्तों के समन्दर का जो मुँख मोड़ दे,
उम्मीदों पर टिकी हुई दुनियाँ छोड़ दे,
वो सम्बन्ध ही क्या जो बन्धन छोड़ दे।।
RAAHI