दोस्ती ईमान है, मजहब है, खुदा है,
ना ऐसा कोई रिश्ता, सबसे जुदा है।
दोस्ती दवा है, दुआ है, जिंदगी है,
डूबते जिंदगी की कश्ती का नाखुदा है।
दोस्ती प्यार है, तकरार है, ऐतबार है,
ना टूटने देंगे एतबार यह वादा है।
दोस्ती परस्तिस है, कशिश है, अज़ीज़ है,
यह बेहिसाब, न कम न ज्यादा है।
दोस्तों की दोस्ती पे कुर्बान ये जहां है,
अटूट हो दोस्ती ये ‘देव’ की दुआ है।
देवेश साखरे ‘देव’
परस्तिस- पूजा