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दोहे =नारी

अबला नहिं सबला हुई, घर से पंख पसार
बैठी है सर्वोच्च पद, देख रही संसार
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नारी से दुनिया चले, नारी है बलवान
पूजा होती है जहां, रहते हैं भगवान्

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