दौड़ते परायी है जो
अपनी मंजिल छोड़ कर
कठिन है रास्ता
कदम रखना सोच कर
साथ न कोई आएगा
अकेले तुझे जाना है
जग मेरी मंजिल नहीं
कुछ पल का ठिकाना है
रास्ता पहचान लो
मंजिल फिर मुश्किल नहीं
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
दौड़ते परायी है जो
अपनी मंजिल छोड़ कर
कठिन है रास्ता
कदम रखना सोच कर
साथ न कोई आएगा
अकेले तुझे जाना है
जग मेरी मंजिल नहीं
कुछ पल का ठिकाना है
रास्ता पहचान लो
मंजिल फिर मुश्किल नहीं
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-