दौड़ Vinita Shrivastava 6 years ago दौड़ते परायी है जो अपनी मंजिल छोड़ कर कठिन है रास्ता कदम रखना सोच कर साथ न कोई आएगा अकेले तुझे जाना है जग मेरी मंजिल नहीं कुछ पल का ठिकाना है रास्ता पहचान लो मंजिल फिर मुश्किल नहीं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-