Site icon Saavan

*धूप सुनहरी*

धूप सुनहरी बिखर गई है,
सूरज की झोली से
लाल, गुलाबी पीले-पीले,
रंग लगें मौली से
रंगोली के रंग हैं सातों,
धूप संग हैं आए
सूरज ने देखो ना कितने,
सुंदर रंग बिखराए ।।

*****✍️गीता

Exit mobile version