चारो तरफ कयामत ही कयामत है।
जिधर देखो करोना के ही क़हर है।।
महामारी में जी रहे है हम और आप।
फिर भी उम्मीद के किरण जलाए बैठे है।।
आज नहीं तो कल होंगे कामयाब हम।
बस कुछ और धैर्य रखने की जरूरत है ।।
चारो तरफ कयामत ही कयामत है।
जिधर देखो करोना के ही क़हर है।।
महामारी में जी रहे है हम और आप।
फिर भी उम्मीद के किरण जलाए बैठे है।।
आज नहीं तो कल होंगे कामयाब हम।
बस कुछ और धैर्य रखने की जरूरत है ।।