नभ चढ़ने दो Pt, vinay shastri 'vinaychand' 4 years ago कागज का टुकड़ा बना पतंग उड़ना चाहे नील गगन में। हम पंछी का जीवन क्योंकर डाल रहे हो पिंजर बन्ध में।। पतंड उड़ाने के शौकीनों मुझको भी तो उड़ने दो। मेरे भी हैं कुछ अरमान ‘विनयचंद ‘नभ चढ़ने दो।।